Charitra-Nirman Ki Kahaniyan by Mukesh ‘Nadan’
एक कहावत है—
पैसा गया, तो कुछ गया; स्वास्थ्य गया, तो बहुत कुछ गया पर अगर चरित्र गया तो सबकुछ गया।
अतः आवश्यक है कि व्यक्ति
अपने चरित्र को निर्मल व स्वच्छ रखे; उसके संरक्षण-संवर्धन के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष है ‘चरित्र’।
इस दृष्टि से इस पुस्तक में चरित्र-निर्माण की कहानियाँ संकलित की गई हैं, क्योंकि कहानियों का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है। इनके द्वारा व्यक्ति के जीवन में प्रेम, त्याग, बलिदान, शिक्षा आदि का संचार होता है। हमारे पौराणिक गं्रथों में अनेक शिक्षाप्रद तथा ज्ञानवर्द्धक कहानियों का समावेश किया गया है। ‘चरित्र-निर्माण की कहानियाँ’ भी इन्हीं ग्रंथों से प्रेरित हैं। इन कहानियों का चयन विशेष रूप से बाल पाठकों की मनोवृत्ति को ध्यान में रखकर किया गया है। लेकिन चरित्र-निर्माण पर आधारित ये कहानियाँ केवल बाल पाठकों में ही नहीं, अपितु प्रत्येक वर्ग के पाठकों में चरित्र-निर्माण का संचार करेंगी।
Publication Language |
Hindi |
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Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
MUKESH ‘NADAN’ |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2017 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789384344771' |
Publication Category |
General Reading Books |
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